दीदार -ए- जिंदगी
PoetryAbhishek
Join Abhishek in his ode to life and its challenges, with the spirit to prevail above it all.
ए- जिंदगी राज तेरे गहरे कितने, हम पढ़ेंगे
ना रुकेंगें ना बिखरेंगें
अंतिम सांस से पहले, अंतिम सांस तक
तेरा पैगाम लिखेंगें
क्या पाया क्या खोया ?
मौत से पहले मौत तक, जीने का अंदाज़ लिखेंगें
डराती हैं जो खामोशियां
रूलाती हैं जो तन्हाइयां
सताती हैं जो परेशानियां
वहीं से गुजर कर, वहीं पे इंकलाब लिखेंगें
ए- जिंदगी राज तेरे गहरे कितने
हम सब बेनकाब लिखेंगें ...