Dosti
PoetryVipin Kumar Sharma
They say friends are the family we choose. Join Vipin in his ode to friendship and cherish the memories you have made with your friends.
जीवन की 'मिठास' है दोस्ती,
हर एक इंसान के लिए 'खास' है दोस्ती,
जीवन के अंत तक जो हर एक रास्ते को महकाए,
ऐसी 'गुलजार'है दोस्ती,
दोस्त हो तो गमों में भी खुशियाँ छा जाती हैं,
दोस्ती ना हो तो जिंदगी वीरान हो जाती है
प्यार, विश्वास और समर्पण का ‘भाव’ है दोस्ती,
अड़चन रूपी धूप में, ‘छाव’ है दोस्ती,
कभी 'माँ' सा प्यार देती है दोस्ती,
कभी 'पिता' सा दुलार देती है दोस्ती,
कभी 'भाई-बहन' सा लड़कपन,
तो कभी 'दादा-दादी' सा अपनापन
सारे रिश्तों को बिना किसी रिश्ते के,
निभाने का नाम है दोस्ती,
कभी रूठना कभी मनाना,
कभी बिना कुछ किए घंटों समय बिताना,
आधी रात को हॉस्टल में ‘मैगी’ बनाकर,
रूम-पार्टनर के साथ खाना
'कुछ ना’ होते हुए भी,
'सब कुछ' का एहसास दिलाती है दोस्ती,
"जीवन एक यात्रा है", शास्त्रों में लिखा है,
"एक सुदामा था कन्हैया का", भागवत से सीखा है,
ये सब तो वेद-पुराणों की बात है,
हमारे लिए तो दोस्तों का साथ ही ‘स्वर्ग’ सरीखा है
कुछ सालों में सारे दोस्त बिछड़ जाएंगे,
ये यादों के फूल ही जीवन महकाएंगे,
दिल पे मत लेना दोस्तों की बातों को,
गले लगा के भुला देना सारे जज़्बातों को,
क्योंकि ये दोस्त ही है,
जो पल-पल साथ निभाएंगे,
और याद हमेशा आएंगे, याद हमेशा आएंगे!