Aage Badhna Hai!!
PoetryVipin Kumar Sharma
This uplifting poem encourages you to keep going, no matter how tough life gets. It is a reminder that even in hard times, there is strength within you to overcome and find your way forward.
आगे बढ़ना है,
‘कठिनाइयों’ को पीछे छोड़ के,‘सच्चाई’ का दामन पकड़ के,
आगे बढ़ना है|
कुछ ‘कांटे’ आएंगे राहों में, उनको भी सहना पड़ेगा,
‘अँधेरे’ में ‘लौ’ जला के, ‘उजाले’ में बहना पड़ेगा,
हर मौसम से बस यही कहना है,
आगे बढ़ना है|
कुछ नये ‘रिश्तें’ बनेंगे, कुछ पुराने पीछे छूटेंगे,
कुछ ‘खुशियों’ की यादें देंगे, कुछ ‘गमों’ का सैलाब लाएंगे,
इस 'कुछ' को ही, 'सब-कुछ' समझकर,
आगे बढ़ना है|
“सुख और दुःख”, एक ‘सिक्के’ के दो पहलू
जैसे “धूप और छाया”, एक के बाद दूजा आया,
दोनों को अपना कर साथ चलना है,
आगे बढ़ना है|
कभी ‘दिल’ टूटेगा, ‘निराश’ भी होगा,
सब कुछ छोड़ने का सोच के, ‘उदास’ भी होगा,
‘हार’ के बाद ही ‘जीत’ है, ऐसा सोच के लड़ना है,
आगे बढ़ना है|
एक “माँ” है, जिसकी ‘आँखों’ में सपने हैं,
एक “बाप” है, उसके लिए ‘गम’ भी अपने है,
“भाई-बहन” और “दोस्तों” की आशाओं पर,
‘खरा’ उतरना है,
आगे बढ़ना है|