हाल-ए-दिल तो पूछो
PoetryVarun Khillare
How does your heart feel? If you are in love, then it's probably bubbling with a bunch of emotions. But what can you do about it? Well, the poet has decided to simply outpour everything. Let's see how long he can wait - pining for her love.
हाल-ए-दिल तो पूछो
क्या सितम हे जाना
रहते हो जिस दिल में
उसका हाल ना जाना
बेजार ये मेरी आँखें
तेरे दीदार से बहलाना
बस दो पल ठहरके
नजराना देते जाना
ये
कुदरत की रानी
मेघपक्षी को बुलाना
चाहत की जमीन पर
प्रेम बादल बरसाना
गुलाबो चलो तो
तुम्हे अहसास हे दिलाना
मेरे मेहबूब ने सिखाया
कस्तूरी को महकाना
इस सरफरोशी को
क्यों समझे तू अंजाना
मैने भुलाकर खुदको
तुझको हे पहचाना
ये जुल्फें, ये आँखें
ये बेमिसाल मुस्कुराना
इतना इंतजाम क्यों
जान मांग लेते जाना
इस मरीज ए इश्क को
कोई हकीम ढूंढकर लाना
मारना मोहब्बत में आसान
मुश्किल हे जिंदा बचाना
लोगों के आलम में
कोई मुझसा ना दीवाना
लफ्ज़ कम हे जरा
दिवानगी से आजमाना
कब तक चलेगा ये
एक तरफा अफसाना
कुछ हम कहें, कुछ तुम कहो
बस हुआ शरमाना
खुदा का करिश्मा
ये तेरा आशियाना
तूही मेरा काबा
तूही मेरा मदीना